कृत्रिम बुद्धिमत्ता |Artificial intelligence
कृत्रिम बुद्धिमत्ता- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का आशय कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट के ऐसे कार्य करने की क्षमता से है जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं क्योंकि ऐसे कार्यों के निष्पादन हेतु मानव बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है। हालाँकि अभी ऐसी कोई AI प्रणाली नहीं है जो एक सामान्य मानव द्वारा किये जा सकने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सके, हालाँकि कुछ AI मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले कुछ विशिष्ट कार्यों को करने में सक्षम हो सकते हैं। वर्ष 2022 में जनरेटिव प्री-ट्रेनिंग ट्रांसफॉर्मर (GPT) एप्लीकेशन की लोकप्रियता के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को मुख्यधारा में लाया गया। इसमें सबसे लोकप्रिय एप्लीकेशन OpenAI का ChatGPT है। ChatGPT के प्रति व्यापक रुचि और आकर्षण के कारण उपभोक्ताओं के बीच AI प्रौद्योगिकी के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में इसको प्राथमिकता मिली है।
विशेषताएँ और घटकः डीप लर्निंग तकनीक बड़ी मात्रा में असंरचित डेटा जैसे- टेक्स्ट, चित्र या वीडियो के माध्यम से ऑटोमेटिक लर्निंग को सक्षम बनाती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी युक्तिसंगत कार्रवाई करने की क्षमता है जिसमें एक विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया जाता है। मशीन लर्निंग, AI का ही एक प्रकार है।
वैश्विक स्तर पर AI का विनियमन-
भारत – नीति आयोग ने AI के लिये राष्ट्रीय रणनीति और रिस्पॉन्सिबल AI फॉर ऑल रिपोर्ट जैसे मुद्दों पर कुछ मार्गदर्शक दस्तावेज़ जारी किये हैं। भारत सामाजिक और आर्थिक समावेशन, नवाचार और भरोसे को प्रोत्साहित करता है।
ब्रिटेन – ब्रिटेन ने AI के लिये मौजूदा नियमों को लागू करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में नियामकों से जानकारी एकत्रित करने के लिये सरल दृष्टिकोण को अपनाया है। ब्रिटेन में कंपनियों द्वारा पालन किये जाने वाले पाँच सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए एक श्वेतपत्र प्रकाशित किया गया जिसमें सुरक्षा और मज़बूती; पारदर्शिता एवं व्याख्यात्मकता; निष्पक्षता; जवाबदेही तथा शासन, प्रतिस्पर्द्धात्मकता एवं निवारण की व्याख्या की गई है।
संयुक्त राज्य अमेरिका- अमेरिका ने AI बिल ऑफ राइट्स हेतु एक ब्लूप्रिंट जारी किया, जिसमें आर्थिक एवं नागरिक अधिकारों के लिये AI के नकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया गया है तथा इन प्रभावों को कम करने हेतु पाँच सिद्धांत दिये गए हैं। यह ब्लूप्रिंट स्वास्थ्य, श्रम और शिक्षा जैसे कुछ छक्ष क्षेत्रों हेतु नीतिगत हस्तक्षेप के साथ यूरोपीय संघ की तरह क्षैतिज रणनीति के बजाय AI शासन के लिये क्षेत्र विशेष का समर्थन करता है, जिससे क्षेत्रीय संघीय एजेंसियों को अपनी योजनाओं को तैयार करने की अनुमति मिलती है।
चीन- वर्ष 2022 में चीन ने विशिष्ट प्रकार के एल्गोरिदम और AI को लक्षित करने वाले विश्व के कुछ पहले राष्ट्रीय बाध्यकारी नियम बनाए हैं। इसने अनुशंसा एल्गोरिदम को विनियमित करने हेतु कानून बनाया, जिसमें इस बात पर ध्यान दिया गया कि वे सूचना का प्रसार कैसे करते हैं।
AI की विभिन्न क्षेत्र- कृत्रिम बुद्धिमत्ता को दो अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता हैः वीक AI / नैराAI यह AI का एक ऐसा प्रकार है जिसका अनुप्रयोग किसी विशिष्ट या सीमित क्षेत्र तक होता है। इसमें मानव अनुभूति का अनुकरण होता है। इसमें समय लेने वाले कार्यों को स्वचालित तरीके से करने और डेटा का इस तरह से विश्लेषण करके समाज को लाभान्वित करने की क्षमता है जो कभी-कभी मनुष्य भी नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिये वीडियो गेम जैसे कि शतरंज और व्यक्तिगत असिस्टेंट जैसे अमेज़न का एलेक्सा और एप्पल का सिरी। स्ट्रॉन्ग AI ये ऐसी प्रणालियाँ हैं जिनके द्वारा मानव-समान कार्यों को को किया वि जाता है। ये अधिक जटिल प्रणालियाँ हैं। इन्हें उन स्थितियों को संभालने के लिये प्रोग्राम किया जाता है जिनमें किसी व्यक्ति के हस्तक्षेप के बिना समस्या समाधान की आवश्यकता होती है। इसके अनुप्रयोग को सेल्फ-ड्राइविंग कारों में देखा जा सकता है।
विभिन्न प्रकार के AI-
रिएक्टिव AI- इसमें इनपुट के आधार पर आउटपुट को बेहतर करने के लिये एल्गोरिदम का उपयोग होता है। शतरंज खेलने वाली AI प्रणाली इसका उदाहरण है जिसमें गेम जीतने के लिये सर्वोत्तम रणनीति अपनाई जाती है। रिएक्टिव AI काफी स्थिर होने के कारण, समान इनपुट होने पर इससे समान आउटपुट प्राप्त होगा।
सीमित मेमोरी AI- यह प्रणाली पिछले अनुभवों के अनुकूल होने के साथ ही नवीन डेटा के आधार पर खुद को अपडेट कर सकती है। इसमें अक्सर अद्यतन की मात्रा सीमित होने के साथ मेमोरी की लेंथ अपेक्षाकृत कम होती है। उदाहरण के लिये स्वचालित वाहन पिछले अनुभव के साथ सड़क की स्थिति पर संचालित होते हैं।
थ्योरी-ऑफ-माइंड AI- इसमें पिछले अनुभवों से सीखने और उन्हें बनाए रखने की व्यापक क्षमता होती है। इस प्रकार के AI में उन्नत चैट-बॉट शामिल हैं जो ट्यूरिंग टेस्ट पास करने के साथ AI को एक इंसान के समान प्रस्तुत कर संशय में डाल सकते हैं।
ट्यूरिंग टेस्ट AI प्रणाली की जाँच का एक ऐसा तरीका है जिससे यह निर्धारित होता है कि कंप्यूटर इंसान की तरह सोचने में सक्षम है या नहीं।
सेल्फ-अवेयर AI- जैसा कि नाम से पता चलता है यह अपने स्वयं के अस्तित्व के प्रति संवेदनशील और जागरूक होता है। हालाँकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AI कभी भी चेतन या जीवित अवस्था में नहीं होगा।
ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस और AI के बीच अंतर- लक्ष्य में अंतरः कृत्रिम बुद्धिमत्ता ऐसी मशीनें बनाने पर केंद्रित है जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना स्वायत्त रूप से कार्य कर सकती हैं। दूसरी ओर, ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस का आशय मानव बुद्धि के अनुप्रयोग से प्रौद्योगिकी की दक्षता को बढ़ाना है।
ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस प्रणाली को मनुष्यों के हस्तक्षेप से कार्य करने की क्षमता में सुधार करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। सटीकता – AI एल्गोरिदम सटीकता के साथ बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर
AI के लाभ-
सटीकता – AI एल्गोरिदम सटीकता के साथ बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर कता है, त्रुटियों को कम कर सकता है और विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे- उपचार, पूर्वानुमान और र्णय लेने के दौरान सटीकता में सुधार कर सकता है।
बेहतर निर्णय लेने की क्षमता – AI डेटा संचालित अंतर्दृष्टि और विश्लेषण प्रदान करता है, निहित प्रारूप, प्रवृत्तियों और संभावित जोखिमों की पहचान करके निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है जो मनुष्यों द्वारा आसानी से पहचानी नहीं जा सकती हैं।
नवाचार में वृद्धि – AI नई खोजों को सक्षम कर स्वास्थ्य सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देता है।
उत्पादकता में वृद्धि – AI उपकरण और प्रणालियाँ मानव क्षमताओं में वृद्धि कर सकती हैं, जिससे विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
निरंतर सीखने की क्षमता और अनुकूलता – AI प्रणाली नए डेटा और अनुभवों से सीख सकती है, लगातार अपनी क्षमता में सुधार कर सकती है, परिवर्तनों के साथ स्वयं को अनुकूलित कर सकती है, साथ ही बदलते रुझानों तथा प्रारूप के साथ अद्यतित रह सकती है। अन्वेषण और अंतरिक्ष अनुसंधान – AI अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, स्वायत्त अंतरिक्ष यान, रोबोट अन्वेषण और दूरस्थ एवं खतरनाक वातावरण में डेटा विश्लेषण को सक्षम बनाता है।
AI के नुकसान-
नौकरी विस्थापन – AI स्वचालन से कुछ नौकरियों का विस्थापन हो सकता है क्योंकि मशीनें और एल्गोरिदम ऐसे कार्य कर सकते हैं जो पहले मनुष्यों द्वारा किये जाते थे। इसका परिणाम बेरोज़गारी हो सकती है।
नैतिक चिंताएँ – AI से नैतिक चिंताएँ प्रभावित होती हैं जैसे कि एल्गोरिदम में पूर्वाग्रह की संभावना और स्वायत्त निर्णय लेने वाली प्रणालियों के नैतिक निहितार्थ आदि।
डेटा उपलब्धता और गुणवत्ता पर निर्भरता – AI सिस्टम डेटा उपलब्धता और गुणवत्ता पर बहुत अधिक निर्भर करता है। पक्षपातपूर्ण या अपूर्ण डेटा गलत परिणाम दे सकता हैं या निर्णय लेने में मौजूदा पक्षपात को मज़बूती प्रदान कर सकता है।
सुरक्षा जोखिम – AI सिस्टम साइबर हमलों और शोषण के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। दुर्भावनापूर्ण AI एल्गोरिदम में हेर-फेर किया जा सकता है या सुरक्षा जोखिम पैदा करते हुए नापाक उद्देश्यों के लिये AI-संचालित उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है।
अति-निर्भरता – उचित मानवीय निरीक्षण या आलोचनात्मक मूल्यांकन के बिना AI पर आँख बंद करके भरोसा करने से त्रुटियाँ या गलत निर्णय हो सकते हैं, खासकर अगर AI सिस्टम अपरिचित या अप्रत्याशित स्थितियों का सामना करता है।
पारदर्शिता की कमी – कुछ AI मॉडल, जैसे कि डीप लर्निंग न्यूरल नेटवर्क, की व्याख्या करना मुश्किल हो सकता है, जिससे उनके निर्णयों या पूर्वानुमानों के पीछे के तर्क को समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है (जिसे ‘ब्लैक बॉक्स’ समस्या कहा जाता है)।
प्रारंभिक निवेश और रखरखाव लागत – AI सिस्टम का प्रबंधन करने के लिये अक्सर बुनियादी ढाँचे, डेटा संग्रह और मॉडल विकास में महत्त्वपूर्ण अग्रिम निवेश की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त AI सिस्टम को बनाए रखना और अपडेट करना महँगा हो सकता है।
निष्कर्ष-AI में मानव बुद्धि से परे जाने की पूरी क्षमता है और यह किसी भी विशेष कार्य को सटीक और कुशलता से कर सकता है। इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि AI में अपार क्षमता है। हालाँकि किसी भी चीज़ पर अधिक निर्भरता अच्छी नहीं होती है और कुछ भी पूर्ण रूप से मानव मस्तिष्क के समान नहीं हो सकता है।
इसलिये AI का अत्यधिक उपयोग नहीं किया जाना चाहिये क्योंकि बहुत अधिक स्वचालन और मशीनों पर निर्भरता, वर्तमान मानव जाति और आने वाली पीढ़ियों के लिये खतरनाक साबित हो सकती है।