राष्ट्रीय एकता के विकास के लिये शैक्षिक कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए(Describe the educational programs for the development of national integration.)
राष्ट्रीय एकता के लिए शैक्षिक कार्यक्रम (Educational Programmer for स्थापित करने में शिक्षा महत्वपूर्ण योगदान कर सकती National Integration) – राष्ट्रीय एकता है। माध्यकिम शिक्षा आयोग के अनुसार यह तभी सम्भव है, जब शिक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करना हो। शिक्षार्थियों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करने के लिए शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर निम्नलिखित कार्यक्रमों को सम्मिलित किया जाना चाहिए –
प्राथमिक स्तर (Primary Level) – शिक्षार्थियों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करने के लिए प्राथमिक स्तर पर निम्नलिखित कार्यक्रमों को सम्मिलित किया जाना चाहिए-
(1) छात्रों को राष्ट्रीय ज्ञान, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय चिह्न, राष्ट्रीय पशु एवं अन्य राष्ट्रीय बातों का पूर्ण ज्ञान कराया जाना चाहिए।
(2) विद्यालयों में विभिन्न राष्ट्रीय पर्व जैसे- गणतंत्र दिवस, स्वतन्त्रता दिवस एवं गांधी जयन्ती मनायी जाये और छात्र-छात्राओं को उन पर्वों से सम्बन्धित आवश्यक जानकारी प्रदान की जाये।
(3) छात्रों को विभिन्न दिवसों, जैसे-शिक्षक दिवस, बाल दिवस आदि के विषय में बताया जाय और विद्यालयों में इनका आयोजन किया जाये।
(4) विद्यालयों में विभिन्न महापुरुषों की जयंतियां मनायी जायें।
(5) छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों के महान व्यक्तियों के जीवन से परिचित कराया जाये।
(6) इस स्तर के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत, लोकगीतों एवं कहानियों को स्थान दिया जाये।
(7) छात्रों को सामाजिक जीवन की उत्तम दशाओं से परिचित कराया जाये।
(8) छात्रों को सभी क्षेत्रों के मानव-भूगोल का संक्षिप्त ज्ञान प्रदान किया जाये।
माध्यमिक स्तर (Secondary Level) – माध्यमिक स्तर के छात्रों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करने के लिए निम्नलिखित कार्यक्रमों को सम्मिलित किया जाना चाहिए-
(1) छात्रों को भारत के सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास से परिचित कराया जाये, अर्थात् ज्ञान प्रदान किया जाये।
(2) छात्रों के शिक्षण हेतु राष्ट्रभाषा का प्रयोग किया जाये।
(3) छात्रों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करने हेतु विभिन्न महापुरुषों के व्याख्यान दिये जाएँ।
(4) छात्रों को वैज्ञानिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास के विषय में जानकारी प्रदान की जाये।
(5) छात्रों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करने हेतु विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
(6) शिक्षकों द्वारा ऐसी शिक्षण विधियों का उपयोग किया जाय, जिससे छात्रों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न हो सकें।
विश्वविद्यालय स्तर (University level) – प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के छात्रों की अपेक्षा विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों में मानसिक परिपक्वता अधिक होती है, अर्थात् इनका मानसिक दृष्टिकोण विस्तृत होता है। इसलिए विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न करने के लिए निम्नलिखित कार्यक्रमों को सम्मिलत किया जाना चाहिए-
(1) छात्रों के पाठ्यक्रमों में विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं, साहित्यों एवं संस्कृतियों को रखा जाये, ताकि वे उनका तुलनात्मक अध्ययन कर सके।
(2) विश्वविद्यालयों में समय-समय पर राष्ट्रीय विचार एवं अध्ययन गोष्ठियों का आयोजन किया जाये, तथा इनमें भाग लेने के लिए अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को बुलाया जाये।
(3) विश्वविद्यालयों में ‘युवा-उत्सवों (Youth Festivals) का आयोजन किया जाना चाहिए तथा देश के अन्य विश्वविद्यालयों से चुने हुए छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।