कुंभ पर्व : मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत|Kumbh Festival: Intangible Cultural Heritage of Humanity

कुंभ पर्व : मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत|Kumbh Festival: Intangible Cultural Heritage of Humanity

कुंभ पर्व : मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत|Kumbh Festival: Intangible Cultural Heritage of Humanity बहते-बहते सागर में समा जाना तो नन्दियों की नियति है, लेकिन स्वयं सागर को नदियों में समाहित होते देखना चमत्कार ही है। यह चमत्कार साकार होता है कुंभ पर्व के दौरान, जब अथाह जनसिंधु त्रिविधि ताप-पापनाशिनी नदियों की गोद में कुछ … Read more

साहित्य में नैतिक मूल्य|moral values ​​in literature

साहित्य में नैतिक मूल्य|moral values ​​in literature

साहित्य में नैतिक मूल्य|moral values ​​in literature आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने कहा था कि “साहित्य समाज का दर्पण होता है।” उनकी यह बात साहित्य की सार्थकता को सिद्ध करती है। शायद इसीलिए समाज में मूल्यों की जो स्थितियाँ हैं, वही हम साहित्य में देख पाते हैं। वस्तुतः साहित्य का वास्तविक उद्देश्य ही मानव जीवन … Read more

तुलसीदास का साहित्यिक योगदान|Literary contribution of Tulsidas

तुलसीदास का साहित्यिक योगदान|Literary contribution of Tulsidas

तुलसीदास का साहित्यिक योगदान|Literary contribution of Tulsidas हिन्दी साहित्य के समूचे इतिहास में गोस्वामी तुलसीदास का व्यक्तित्व अप्रतिम हैं। उनकी वाणी एक ऐसे समाधिस्थ चित्त की अभिव्यक्ति है, जिसमें भारतीय धर्म, दर्शन, कला का अद्भुत संयोजन है। वह अनास्था के सिंधु में आस्था का समुद्र हैं। तुलसीदास का संपूर्ण साहित्य अतीत के पुनराख्यान से बढ़कर … Read more

हिन्दी का विकास|development of hindi

हिन्दी का विकास|development of hindi

हिन्दी का विकास|development of hindi मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह अपने विचारों एवं भावों को व्यक्त करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। भाषा के द्वारा ही वह समाज में सामंजस्य स्थापित करता है। भारत में भौगोलिक एवं सामाजिक विविधताओं के कारण अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें हिन्दी को भारत संघ की … Read more

अहिंसा परमो धर्म |Non Violence is the ultimate religion:

अहिंसा परमो धर्म |Non Violence is the ultimate religion:

अहिंसा परमो धर्म |Non Violence is the ultimate religion: कहने के लिए तो संसार में बहुत सारे धर्म हैं; जैसे-हिन्दू, इस्लाम, सिख, ईसाई आदि, लेकिन इन सभी धर्मों से ऊपर एक धर्म और है, जिसका अनुकरण पूरी मानव जाति के लिए अपेक्षित है। यह श्रेष्ठ धर्म है-अहिंसा। कहा भी गया है अहिंसा का अर्थ है- … Read more

Who Won The Mike Tyson Fight

who won the mike Tyson fight vs jake Paul

who won the mike Tyson fight vs jake Paul The boxing match between Jake Paul and Mike Tyson just wrapped up, and Jake Paul actually beat Mike Tyson. He took a dominant victory in the fight. A lot of people are saying that this match was scripted and that Mike Tyson intentionally lost to cash … Read more

सादा जीवन, उच्च विचार|simple living, high thinking

सादा जीवन, उच्च विचार|simple living, high thinking

सादा जीवन, उच्च विचार|simple living, high thinking ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ जनमानस में प्रचलित एक सामान्य-सी सूक्ति है, लेकिन इसका अर्थ बहुत ही गूढ़ है। वास्तव में, यह जीवन को सफल और अर्थपूर्ण बनाने का रहस्य है। जो व्यक्ति इस रहस्य को जान जाते हैं, विश्व उनका अभिनन्दन करता है और उनके द्वारा प्रशस्त किए … Read more

मेरी प्रिय पुस्तक : रामचरितमानस|My favorite book: Ramcharitmanas

मेरी प्रिय पुस्तक : रामचरितमानस|My favorite book: Ramcharitmanas

मेरी प्रिय पुस्तक : रामचरितमानस|My favorite book: Ramcharitmanas किसी भी देश की सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण एवं उसके प्रचार-प्रसार में पुस्तकें अहम भूमिका निभाती है। पुस्तकें ज्ञान का संरक्षण भी करती हैं। यदि हम प्राचीन इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसका अच्छा स्रोत भी पुस्तकें ही है। उदाहरण के तौर पर, … Read more

प्रेमचंद की प्रासंगिकता|Relevance of Premchand.

प्रेमचंद की प्रासंगिकता|Relevance of Premchand.

प्रेमचंद की प्रासंगिकता|Relevance of Premchand. अक्सर प्लेमचंद की लोकप्रियता और प्रासंगिकता को लेकर सवाल उठाये जाते रहे हैं, क्योंकि 1936 (प्रेमचंद का निधन) के बाद गंगा-यमुना में बहुत-सा पानी बह चुका है तब से न जाने कितने कथाकारों ने अनगिनत पृष्ठ स्याह-सफेद भी किये, लेकिन उन सभी के होते हुए बार-बार प्रेमचन्द पर घूम-फिर कर … Read more

मेरे प्रिय लेखक – प्रेमचंद |My favorite writer – Premchand

मेरे प्रिय लेखक - प्रेमचंद |My favorite writer – Premchand

मेरे प्रिय लेखक – प्रेमचंद |My favorite writer – Premchand किसी भी भाषा के उन्नयन में उस भाषा के लेखकों का हाथ होता है। हिन्दी भाषा के विकास में तुलसीदास जैसे मुगलकालीन लेखकों से लेकर भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, जयशंकर प्रसाद, जैसे स्वनाम धन्य लेखकों का योगदान है। हिन्दी को लोकप्रिय कथा साहित्य से समृद्ध करने वाले … Read more